करि की चुराई चाल
सिंह को चुरायो लंक
ससि को चुरायो मुख
नासा चोरी कीर की
पिक को चुरायो बैन
मृग को चुरायो नैन
दतन अनार
हँसी बिजुरी गंभीर की
कहे कवि बेनी बेनी ब्याल की चुराय लीनी
रति रति सोभा सब रती के सरीर की
अब तो कन्हैया जी को
चित ही चुराय लीन्हो
चोरटी है गोरठी यह छोरटी अहीर की.
- कवि बेनी
Excellet poetry by Kavi Beni. What a wonderful description of Radha's beauty.
जवाब देंहटाएंKhalid
Indeed. This is one of my favourite poems for the use of anupras and yamak alanakar in "कहे कवि बेनी बेनी ब्याल की चुराय लीनी, रति रति सोभा सब रती के सरीर की"
जवाब देंहटाएंExplanation of this poem so that you can appreciate:
जवाब देंहटाएंKari (hathini) ki churai chaal
Singh ko churayo lank (pride, garv)
Sasi (moon) ko churayo mukh
Nasa (nose) chori keer (parrot) ki
Pik (koel) ko churayo ban (vaani)
Mrig ko churayo nain
Datan (teeth) anaar
Hansi bijuri (bijli) gambhir (grave) ki
Kahe kavi beni (poet) beni (julfon ki lat) byal (Snake) ki churay leeni
(Yamak alankaar is in this line: different meanings of the word "BENI" used twice)
Rati rati (each and every single) sobha (beauty) sab Rati (wife of kaamdev) ke sarir ki Ab to kanhaiya ji ko chit hi churaay leeno Chorti (chor) hai gorthi (gori) yeh chhorthi (chhori means beti) aheer (gwwala) ki.
chhorti (ladki) hai gorti (gwalan) ya chorti (chor) aheer (sansaar) ki
हटाएंUpma alankar hai
हटाएंUpma alankar hai
हटाएंAnupras alankar
हटाएंAnupras alankar
हटाएंthanks for the translation!
हटाएंexcellent, perfect, incredible, marvelous.........
जवाब देंहटाएंI just love it......muuaaahhh...
राधे तू बडभागिनी, कौन तपस्या कीन,
जवाब देंहटाएंतीन लोक तारण तरण वो तेरे आधीन॥
utkrisht hai....चित ही चुराय लीन्हो
जवाब देंहटाएंचोरटी है गोरठी यह छोरटी अहीर की.
bahut badiya
जवाब देंहटाएंI read it in my school text book on class 10
जवाब देंहटाएंCouple of days ago, i was reciting this poem to my wife while driving... it was a small effort to glorify Srimati Radha Rani... i was not sure of the first pahragraph rest of the poem i remembered from my school days...
जवाब देंहटाएंThank you for putting it here... i really was looking for it... Loved it... The beautiful composition by Beni Ji...
the best lines are "कहे कवि बेनी बेनी ब्याल की चुराय लीनी... रति रति सोभा सब रती के सरीर की... अब तो कन्हैया जी को... चित ही चुराय लीन्हो... चोरटी है गोरठी यह छोरटी अहीर की."
Hare krishna
one of my all time fav...thanks for posting
जवाब देंहटाएंati uttam
जवाब देंहटाएंयह कविता राधा के सम्पूर्ण शरीर का जीवित विवरण प्रस्तुत करती हैं। इस कविता
जवाब देंहटाएंमें राधा को चोरनी बनाकर कवि ने बहुत ही सुंदर जीवनी की प्रस्तुति दी है।
Is kavita me benny ka kya earth hai
जवाब देंहटाएंUpma alankar hai
जवाब देंहटाएंI've been looking for this kavita for so long... Thanks for the upload!
जवाब देंहटाएं2 अलंकार ह यमक
जवाब देंहटाएंउपमा
yeh kis bhasha shaili me likhi hai?
जवाब देंहटाएंबेनी प्रवीन हिन्दी के रीतिग्रंथकार कवि हैं। बेनी प्रवीन का वास्तविक नाम बेनीदीन वाजपेयी था। ये संभवत: लखनऊ के निवासी थे| रीति काल में कवी मुख्यतः श्रृंगार रस की कविताएं लिखा थे | श्रृंगार रस में नायक/ नायिका के सौंदर्य एवं प्रेम का वर्णन किया जाता है
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