मंगलवार, अगस्त 28, 2007

राधा सौन्दर्य

करि की चुराई चाल
सिंह को चुरायो लंक
ससि को चुरायो मुख
नासा चोरी कीर की

पिक को चुरायो बैन
मृग को चुरायो नैन
दतन अनार
हँसी बिजुरी गंभीर की

कहे कवि बेनी बेनी ब्याल की चुराय लीनी
रति रति सोभा सब रती के सरीर की
अब तो कन्हैया जी को
चित ही चुराय लीन्हो
चोरटी है गोरठी यह छोरटी अहीर की.

- कवि बेनी

24 टिप्‍पणियां:

  1. बेनामी8:21 am

    Excellet poetry by Kavi Beni. What a wonderful description of Radha's beauty.

    Khalid

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  2. Indeed. This is one of my favourite poems for the use of anupras and yamak alanakar in "कहे कवि बेनी बेनी ब्याल की चुराय लीनी, रति रति सोभा सब रती के सरीर की"

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  3. Explanation of this poem so that you can appreciate:
    Kari (hathini) ki churai chaal
    Singh ko churayo lank (pride, garv)
    Sasi (moon) ko churayo mukh
    Nasa (nose) chori keer (parrot) ki
    Pik (koel) ko churayo ban (vaani)
    Mrig ko churayo nain
    Datan (teeth) anaar
    Hansi bijuri (bijli) gambhir (grave) ki
    Kahe kavi beni (poet) beni (julfon ki lat) byal (Snake) ki churay leeni

    (Yamak alankaar is in this line: different meanings of the word "BENI" used twice)

    Rati rati (each and every single) sobha (beauty) sab Rati (wife of kaamdev) ke sarir ki Ab to kanhaiya ji ko chit hi churaay leeno Chorti (chor) hai gorthi (gori) yeh chhorthi (chhori means beti) aheer (gwwala) ki.

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  4. बेनामी1:57 pm

    excellent, perfect, incredible, marvelous.........
    I just love it......muuaaahhh...

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  5. प्रकाश गोठवाल11:01 pm

    राधे तू बडभागिनी, कौन तपस्या कीन,
    तीन लोक तारण तरण वो तेरे आधीन॥

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  6. utkrisht hai....चित ही चुराय लीन्हो
    चोरटी है गोरठी यह छोरटी अहीर की.

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  7. बेनामी4:06 pm

    I read it in my school text book on class 10

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  8. Couple of days ago, i was reciting this poem to my wife while driving... it was a small effort to glorify Srimati Radha Rani... i was not sure of the first pahragraph rest of the poem i remembered from my school days...

    Thank you for putting it here... i really was looking for it... Loved it... The beautiful composition by Beni Ji...

    the best lines are "कहे कवि बेनी बेनी ब्याल की चुराय लीनी... रति रति सोभा सब रती के सरीर की... अब तो कन्हैया जी को... चित ही चुराय लीन्हो... चोरटी है गोरठी यह छोरटी अहीर की."

    Hare krishna

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  9. one of my all time fav...thanks for posting

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  10. यह कविता राधा के सम्पूर्ण शरीर का जीवित विवरण प्रस्तुत करती हैं। इस कविता
    में राधा को चोरनी बनाकर कवि ने बहुत ही सुंदर जीवनी की प्रस्तुति दी है।

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  11. Is kavita me benny ka kya earth hai

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  12. I've been looking for this kavita for so long... Thanks for the upload!

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  13. 2 अलंकार ह यमक

    उपमा

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  14. उत्तर
    1. बेनी प्रवीन हिन्दी के रीतिग्रंथकार कवि हैं। बेनी प्रवीन का वास्तविक नाम बेनीदीन वाजपेयी था। ये संभवत: लखनऊ के निवासी थे| रीति काल में कवी मुख्यतः श्रृंगार रस की कविताएं लिखा थे | श्रृंगार रस में नायक/ नायिका के सौंदर्य एवं प्रेम का वर्णन किया जाता है

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